Thursday, April 22, 2021

 
वो जितने
आसमां में
सितारे हैं न
उतना प्रेम है...हमें तुमसे

वो जितना
इस धरा पे
जल है न
उतना प्रेम है...हमें तुमसे

वो जितनी
चाँद में
शीतलता है न
उतना प्रेम है...हमें तुमसे

और वो जितनी
इस धरा पे
प्राणवायु है न
.
.
.
बस उतना सा ही प्रेम है...हमें तुमसे

अंकित तिवारी

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