वो जितने
आसमां में
सितारे हैं न
उतना प्रेम है...हमें तुमसे
वो जितना
इस धरा पे
जल है न
उतना प्रेम है...हमें तुमसे
वो जितनी
चाँद में
शीतलता है न
उतना प्रेम है...हमें तुमसे
और वो जितनी
इस धरा पे
प्राणवायु है न
.
.
.
बस उतना सा ही प्रेम है...हमें तुमसे
अंकित तिवारी
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