Monday, May 29, 2023

संसद भवन में स्थापित सेंगोल का क्या इतिहास है ?(पांच हजार पूर्व का इतिहास )







पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़ाया । 
भारत एक धर्म क्षेत्र रहा है । राजदंड को संसद भवन में स्थापित करना धर्म की पताका को ऊंचा करना है ।








नए संसद भवन को एक वास्तुकार और एक शिक्षाविद विमल हसमुख पटेल ने डिजाइन किया है ।

नए संसद भवन की लोकसभा में 888 सीटें है ,जो कि पुराने संसद भवन की तुलना में काफी जायदा हैं ।

टाटा प्रोजेक्ट ने जीता था संसद भवन का प्रोजेक्ट ।
यह एक देसी कम्पनी है । यह देश के जाने माने टाटा ग्रुप की कंपनी है जिसका पूरा नाम है 
Tata Project Limited 


28 मई को हमारे नए संसद भवन में स्थापित सेंगोल एक राजदंड है ।


सेंगोल का इतिहास पांच हजार साल पुराना है । इसका उपयोग चोल साम्राज्य में सत्ता हस्तांतरण के लिए जाता था । 

कुछ इतिहासकारों का यह भी मानना है की सेंगोल मौर्य और गुप्त राजवंश में भी था ।

महाभारत में ही इसका जिक्र मिलता है ।

सेंगोल पुरातन काल में राजा को ये अधिकार के तौर पर दिया जाता था ,जिसका मतलब है राजा को सजा देने का अधिकार है ।

सेंगोल शब्द की उत्पत्ति तमिल भाषा से हुई है , जिसका अर्थ है धर्म सचाई और निष्ठा

जय हिंद 
हरे कृष्णा 🙏



Saturday, May 6, 2023

आलसी आदमी और जिन्न


 एक बार की बात है, एक गांव में एक आलसी व्यक्ति  रहता था। वह सुबह उठता, नहाता, खाना खाता और फिर सो जाता था। उसके पास किसी भी चीज की कमी नहीं थी। एक बड़ा खेत, खाना पका कर देने वाली एक सुन्दर-सी पत्नी और दो बच्चों का अच्छा परिवार था।









सब कुछ होने के बाद भी आलसी व्यक्ति के घरवाले एक बात से बहुत परेशान थे। वो बात यह थी किआलसी व्यक्ति  बहुत आलसी था। वो कोई भी काम खुद नहीं करता था और दिन भर सोता रहता था।




एक दिन बच्चों का शोर सुनकर आलसी व्यक्ति  जाग गया और उसने देखा कि उसके दरवाजे पर एक साधु महाराज आए हैं। आलसी व्यक्ति और उसकी पत्नी ने साधु महाराज का स्वागत किया और उन्हें भोजन कराया। भोजन के बाद आलसी व्यक्ति ने साधु की खूब सेवा की।



साधु महाराज उनकी सेवा से बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें वरदान मांगने को कहा। आलसी व्यक्ति ने वरदान मांगा कि मुझे कोई भी काम न करना पड़े और मेरी जगह कोई और मेरा काम कर दे।



तब साधु उसे वरदान में एक जिन्न देते हैं और साथ में यह भी कहते हैं कि जिन्न को हमेशा व्यस्त रखना। अगर उसे काम नहीं दिया, तो वो तुम्हें खा जाएगा। वरदान पाकर आलसी व्यक्ति मन ही मन बहुत खुश हुआ और साधु को आदर के साथ विदा किया।



साधु के जाते ही वहां एक जिन्न प्रकट हुआ। पहले तो आलसी व्यक्ति उसे देखकर डर जाता है, लेकिन जैसे ही वो आलसी व्यक्ति से काम मांगता है, तब आलसी व्यक्ति का डर दूर हो जाता है और वो उसे पहला काम खेत जोतने का देता है।



जिन्न वहां से गायब हो जाता है और आलसी व्यक्ति  की खुशी का ठिकाना नहीं रहता। कुछ ही देर में जिन्न फिर आ जाता है और बोलता है कि खेत जोत दिया, दूसरा काम दीजिए।आलसी व्यक्ति  सोचता है कि इतना बड़ा खेत इसने इतनी जल्दी कैसे जोत दिया।



आलसी व्यक्ति इतना सोच ही रहा था कि जिन्न बोलता है कि जल्दी मुझे काम बताओ नहीं तो मैं आपको खा जाऊंगा।


आलसी व्यक्ति डर जाता है और बोलता है कि जाकर खेतों में सिंचाई करो। जिन्न फिर वहां से गायब हो जाता है और थोड़ी ही देर में फिर आ जाता है। जिन्न आकर बोलता है कि खेतों की सिंचाई हो गई, अब अगला काम बताइए।



आलसी व्यक्ति एक-एक कर सभी काम बताता जाता है और जिन्न उसे चुटकियों में पूरा कर देता है।आलसी व्यक्ति  की पत्नी यह सब देख रही थी और अपने पती के आलसीपन पर चिंता करने लगी। शाम होने के पहले ही जिन्न सभी काम कर देता था। सब काम करने के बाद जिन्न आलसी व्यक्ति के पास आ जाता और बोलता कि अगला काम बताइए, नहीं तो मैं आपको खा जाऊंगा।



अबआलसी व्यक्ति  के पास कोई भी काम नहीं बचा, जो उसे करने के लिए कह सके। उसे चिंता होने लगी है और वह बहुत डर जाता है।



जब आलसी व्यक्ति की पत्नी अपने पती को डरा हुआ देखती है, तो अपने पती को इस संकट से निकालने के बारे में सोचने लगती है। वह  आलसी व्यक्ति से बोलती है कि स्वामी अगर आप मुझे वचन देंगे कि आप कभी आलस नहीं करेंगे और अपने सभी काम खुद करेंगे, तो मैं इस जिन्न को काम दे सकती हूं।


इस पर  आलसी व्यक्ति सोचता है कि पता नहीं यह क्या काम देगी। अपनी जान बचाने के लिए आलसी व्यक्ति  अपनी पत्नी को वचन दे देता है। इसके बाद आलसी व्यक्ति की पत्नी जिन्न से बोलती है कि हमारे यहां एक कुत्ता है। तुम जाकर उसकी पूंछ पूरी सीधी कर दो। याद रखना उसकी पूंछ एकदम सीधी होनी चाहिए।




जिन्न बोलता है कि अभी यह काम कर देता हूं। यह बोलकर वह वहां से चला जाता है। लाख कोशिश के बाद भी वह कुत्ते की पूंछ सीधी नहीं कर पाता और हार मान लेता है। हारकर जिन्न आलसी व्यक्ति के यहां से चला जाता है। उस दिन के बाद से आलसी व्यक्ति अपने आलस को छोड़कर सभी काम करने लगता है और उसका परिवार खुशी-खुशी रहने लगता है।

कहानी से सीख

Thursday, May 4, 2023

अपने अपनों को कैसे दिलाए उनके ख़ास होने का एहसास ।

आज चाय पीते हुए मेरे मन में ख्याल आया कि
काश एक दिन ऐसा होता मेरे पति देव सुबह सुबह मुझे 
चाय देते हुए उठाते । वो भी चाय कि साधारण कप नही ।

 एक ट्रे में दो कप चाय उसमे एक गुलाब का फूल और उनकी ये प्यारी मुस्कान । 

मेरे पति देव मुझपे हस्ते हुए बोले ये सब फिल्मों में होता है ।लेकिन मैं इसे सत्य नही मानती क्योंकि कल्पना कभी भी कोरी नही होती कल्पना को कल्पना बनाने के लिए हकीकत का मशाला होना जरूरी है । फिल्मों में फिल्माई गई तस्वीरें किसी न किसी की कहानी होती है । किसी हकीकत में कुछ कल्पना डाल के उसे सजाया जाता है । 
यदि हम इसे एक कल्पना ही माने तो क्या कल्पना करना और उसे सार्थक होते देखना गलत है । 
हमारे रिश्ते आज बिखरते जा रहे है । घरों में रोज बर्तन बजते है कारण क्या है इन सब चीजों का ,कभी सोचा है ?

यदि नही सोचा तो सोचना चाहिए 🤔

हम किसी भी रिश्ते को एक अपनी ड्यूटी की तरह निभाते है । हम सभी इतने व्यस्त है अपने रोज के कार्यों में कि हमे अपने आस - पास होने वाली घटनाएं या आस पास के लोग दिखाई ही नहीं देते ।

हमारी मां हमे रोज सुबह उठकर खाना पका के देती है हम उसे कभी थैंक यू नही बोलते । 
हमने आभार प्रकट करना सीखा ही नही है ।

हमारी बहनें हमारे लिए इतना कुछ करती है हमारा कभी ध्यान नहीं जाता । 

हमारे भाई, पति, और पिता इतना कुछ करते है हमारा कभी ध्यान नहीं जाता । 
हम हमेशा दूसरे को देखते रहते है । 
हमे किसी भी व्यक्ति की कमी तब महसूस होती है जब वो हमारे साथ नही रहता । 

आज कल रोज प्रेम विवाह होते है और रोज टूटते है । 
कारण क्या हो सकता है 🤔।
कारण बस इतना है हम पहले उसे अत्यधिक प्रेम भरा रखते थे ।बाद में हमने सिर्फ घर की जिमेदारियों में सीमित कर दिया ।

अब आपने किसी को रोज 4 रोटी ,चावल रसगुल्ले ये सब खिलाने की आदत डाली हो और बाद में सिर्फ एक सुखी रोटी देना सुरु कर दो तो वो व्यक्ति धीरे धीरे मार जायेगा नही तो इतना कमजोर हो जाएगा कि किसी काम का नही रहेगा ।

हमे इतना तो करना ही चाहिए अपने रिश्तों के लिए कि
उसे रोज ये एहसास दिलाएं की कोई व्यक्ति आपके लिए कितना खास है ।

ये एहसास दिलाने के लिए आप बहुत कुछ कर सकते है ।
आपने दिल तो टटोलिए और अपने ख़ास के साथ उसे बाटियें । 

वरना किसी के मरने के बाद उसके तस्वीरों पे गुलाब के फूलों का माला लगाने का ही क्या फ़ायदा 

संसद भवन में स्थापित सेंगोल का क्या इतिहास है ?(पांच हजार पूर्व का इतिहास )

पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...