Thursday, April 29, 2021

  डिस्टेंस रिलेशनशिप 

 


कितने अच्छे लगते है ........ना ,, दो जोड़े ......... लेकिन इन्हे एक होने में कितनी मुश्किलें आती हैं
हम सभी इस से वाक़िफ़ है ................ आईये जानते है क्या कारन है वो जो सबसे जायदा रिश्ते टूटने का कारन है ||


सबसे पहले तो आप सभी को मेरे सारे बोग पढ़ने के लिए शुक्रिया..................... सब स्वस्थ रहे ..........खुस रहे |

 

कारन रिश्ते टूटने के क्या क्या हो सकते है ?

 

 
१) बिश्वाश
२) समय ना देना एक दूसरे को
3 ) बेकार के बहाने 

4) डिस्टेंस रिलेशनशिप

 

 १) बिश्वाश

 

 

 किसी भी रिश्ते में बिश्वाश का होना बहोत जरुरी है .............अगर आप एक दूसरे पे बिश्वाश नहीं कर पाते तो .........तो आप के रिश्ते टूट सकते है |

बिश्वाश और अन्धबिश्वाश में बहोत फ़र्क है | बिश्वाश करिये अन्धबिश्वाश मत कीजिये ||

 

 २) समय ना देना एक दूसरे को 

  

 हम कितना भी बिजी हो ..........हमें अपने साथी को समय अवश्य देना चाहिए |
वो कहते है ना ,, वक़्त बहोत कीमती है ......................तो अपने  बेशकीमती साथी को आपने कीमती वक़्त दे || 

 

 3 ) बेकार के बहाने 

 

 

 

 झूट पे रिश्ते नहीं बनते .............तो अपने साथी से झूट ना बोले ..............बहाने ना बनाये || सचाई के साथ रहे ,, सच्चा जीवन साथ साथ देता है ....................कठिन समय में भी .............लेकिन सायद वो आपके झूट और बहाने ना झेल पाए || 

 

 


 

 

 

 

 

Saturday, April 24, 2021

कब तलक यूँ
ढोता रहूंगा
अपने दिल में
अनकही
बातों का भार लिए

किसी रोज़
भर कर गुब्बारे में
अपनी अनकही
बातों को उड़ा दूंगा
तुम्हारी ओर

सुनो!
तुम पकड़ लेना
उस गुब्बारे को
और पढ़ लेना
उसमें भरी
मेरे दिल की
अनकही बातों को
जो सिर्फ़ तुम्हारे लिए हैं..!!

 

 

अंकित तिवारी  

 


 

  काश! कविताएँ बोल सकतीं....!!

 

 अंकित तिवारी 

 


 

मेरी कैनवास सी ज़िंदगी
जिसमें ये थोड़े से रंग तुमने ही भरे हैं
एक उदास से चेहरे पर
ये थोड़ी सी हंसी तुम ही लेकर आई हो
मेरे गिरते हुए आंसुओं को रोक
उन्हें मोती सा तुमने ही बनाया है
.
.
एक अरसे से बंजर पड़े मेरे ह्रदय में
ये प्रेम धुन तुमने ही बजाई है..!!

 

 

अंकित तिवारी  

 


 

 ख़्याल आया आज...लिख दूँ...क्या है मोहब्बत हो गर इजाज़त....तो क्या तुम्हारा नाम लिख दूँ..??

 

 

 

 अंकित तिवारी 

 


सुनो! . . किसी भी रिश्ते में थोड़ा सा मोह भी ज़रूरी है . . ज्यादा नहीं...बस उतना सब्जी में नमक जितना . . स्वादानुसार......!!

 

अंकित तिवारी   

 


 

 हां! हां! बस उतना सा ही है हमें तुमसे . . . प्रेम......!!

 

अंकित तिवारी 

 


 

 

Friday, April 23, 2021

 

 

जिन सपनों को हम किसी से साझा करने में कतराते हैं
कहते हैं! हम उन सपनों को कभी पूरा नहीं कर सकते

बस यही सोच हमने कर दिया है अपना सपना तुमसे साझा
सुनो जानाँ!
हो सके तो...इस सपने को तुम टूट कर बिखरने न देना....!!



अंकित तिवारी  

 


 

 

 

दो प्याली चाय से
एक प्याली चाय तक आना है

हां! हमें बस तुम्हारे
इतना सा ही क़रीब आना है....!!

 

अंकित तिवारी  


****

 


 


जैसे
कुछ फूल
खिलते हैं
और खिलकर
मुरझा जाते हैं
और कुछ फूल
खिलते हैं
और
उन्हें प्रभू
के चरणों में
जगह मिलती है

ठीक ऐसे ही
शायद होते हैं
हम मनुष्य भी
कुछ मनुष्य
जन्म लेते हैं
और मर जाते हैं
और कुछ मनुष्य
जन्म लेते हैं
और उनको
चुना जाता है
प्रेम के लिए...!!
 

अंकित तिवारी
 
 

 

 

 

सुनो!

थोड़ा स्लो हूँ...मैं
थोड़ा इमोशनल हूँ...मैं

थोड़ा अलग हूँ...मैं
पर सबसे अलग हूँ...मैं

जो भी हूँ...जैसा भी हूँ...यही हूँ...मैं
हो सके तो दिल में कोई गिला न रखना
.
.
हां! थोड़ा सा अलग हूँ....मैं..!!

 

अंकित तिवारी  

 

****

 


 

 

 

बस..........एक यही काम तो अब आता है..........हमें
तुम्हें देखना..तुम्हें देखना और बस तुम्हें ही देखते रहना...!!

 

अंकित तिवारी 

****

वो जो तुमसे बातें करते हुए
आँखों से झरने लगता है न जानाँ
.
.
वो प्रेम ही तो है....तुम्हारे लिए......!!


अंकित तिवारी 

****
 

 

 

यूँ तो तुम
कह सकती हो
मेरी जानाँ...
की हमें
नहीं आता है
प्यार करने का तरीका

मगर
मेरी जानाँ
कभी जो
आये आंसू
तुम्हारी आँखों में
तो उन
आंसुओं को
गिरने से पहले
मैं अपनी
अंजुरी में भर लूंगा......!!

 

अंकित तिवारी  


 

 

 

 

 

 मुझे बहुत अधिक
संशाधनों की
भूख रही ही नहीं कभी

हमें तो बस
अपनी ज़िंदगी
गुजारने को चाहिए
तुम्हारा साथ और

जब शाम को
थक कर आऊँ
तो तुम्हारी गोद में
सर रख के सो जाऊं....!!

 

अंकित तिवारी 


****




 

 

तुम मेरी क्या हो..??
ये तो मैं नहीं जानता

हां! पर इतना तो
कह सकता हूँ...की

तुमने मेरा हाँथ
तब थामा.....जब मैं
अपनी ज़िंदगी से ऊब गया था

सुनो! जानाँ
तुम मेरी ज़िंदगी हो.........!!

 

 

अंकित तिवारी 

 


 

यूँ छुपाया न करो हमें दुनिया से....जानाँ
तुम्हारी मोहब्बत हूँ.......कोई गुनाह नहीं....!!


अंकित तिवारी 

 

****

 

सुनो!....जानाँ

तुमने मेरे दिल के दरवाज़े पे दस्तक दी
और सीधे ही........मेरे दिल में बस गई

अब मैं उस क्षण को याद कर
कुछ सोचना नहीं चाहता की
ऐसा क्यों हुआ..................कब हुआ

मैं....तुम्हें अब बस प्रेम करना चाहता हूं....!!

अंकित तिवारी 

****

 


 

सीने से लगा कर अपने........अब सहारा दो हमें
ये इश्क़ बहुत भारी सा लगता है...बंटवारा दो हमें

ये झील सी.........गहरी गहरी.........तुम्हारी आंखें
मैं डूब रहा हूँ इन आँखों में.....…..अब बचा लो हमें...!!

 

अंकित तिवारी 

 

*****


 

 

सुनो जानाँ!

यूँ अपनी......जुल्फ़ों को......बिखेरे के न रखा करो
ये दिल मेरा...तुम्हारे क़रीब आने को मचल उठता है..!!


अंकित तिवारी 

 

****

 


 

 

 

घरेलू
स्त्रियों
के पास
होते हैं
बहुत
सारे आंसू
आँसू....हर घटना के लिए

आँसू
जो....देन होते हैं
घर के पुरुषों की......!!

 

अंकित तिवारी 

 

****


 

 

तुम
पड़ना
प्रेम में
गर कभी

तो करना
अपने
प्रेमी/प्रेमिका
से
कुछ ऐसे प्रेम

जैसे
करता है
एक नन्हा शिशु
मिट्टी के बने
खिलौने से
और
अपनी जननी से....!!

 

अंकित तिवारी  

 


 

तुम्हारा मेरी ज़िंदगी में आना
एक पुष्प की भांति है
हां! एक पुष्प ही तो हो तुम
पुष्प.........गुलाब का

जिसकी भीनी भीनी सी ख़ुशबू
मेरी ज़िंदगी में फ़ैल गई है

एक गमले तक सिमट चुकी थी जो ज़िंदगी
उसको बना दिया है
तुमने अब एक सुंदर सा गुलशन.........!!

अंकित तिवारी 

 लौट आती हैं तारीखें हर वर्ष
की बस जो लोग थे वज़ह
उन तारीखों के लिए
वो लोग कभी लौट कर नहीं आते हैं....!!

अंकित तिवारी 


****

न जाने वो सुबह कब आएगी
जब तुम सिर्फ़ याद नहीं आया करोगी
माथे पर मेरे बोसा देकर
तुम हमें उठाया करोगी...........!!

अंकित तिवारी 


****


जायज़ हैं तुम्हारी कुछ नाराजगियां भी हमसे
मैं कैसे मान लूं...मैं तुम्हारा गुनहगार नहीं हूं...!!

अंकित तिवारी

सुनो!

मैं तुम्हारे
प्रेम में हूँ
फ़िर भी
मैं तुम्हें
कभी
गुलाब नहीं दूंगा

मैं बनाऊंगा
तुम्हारे लिए
किसी इतवार
की शाम को
पनीर की
सब्ज़ी और रोटी

और उस रोटी के
निवाले को तोड़कर
पहले फूंक मारकर
मैं उसे ठंडा करूंगा
और फ़िर अपने हाँथ से
तुम्हें खिलाऊंगा............!!

अंकित तिवारी 

मत पूछा करो कि तुम कैसी दिखती हो
सच कहूं तो तुम क़यामत सी दिखती हो...!!

अंकित तिवारी 

 

****

 

अपने नाम के साथ तेरा नाम देखना चाहता हूँ अब मैं अपनी बस इतनी सी पहचान चाहता हूँ यूँ तो कोई मतलब नहीं छुपा है इस बात में पर मेरी जानाँ...पर मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ...!!

 

अंकित तिवारी 

 

****

 

 

नहीं होती है मोहब्बत महज़ बदन छू लेने से
करनी है मोहब्बत....तो रूह से करना सीखो...!!

अंकित तिवारी 

 

****

 

हाय! ये मासूमियत उन झील सी गहरी आँखों की
दिल न देते उनको....तो मेरी जान ही चली जाती...!!

अंकित तिवारी 

तुम्हारा हाँथ थामे हुए
इस कुछ समय में ही
हम बहुत दूर आ गए हैं

तुम बस ऐसे ही हाँथ थामे रहना
की अभी और दूर तलक जाना है
की अभी और मंज़िलें बाकी हैं...!!

अंकित तिवारी 

 

****

 

हमारी ग़ैर हाज़िरी में जो हमारे लिए परेशान होता है
असलियत में बस एक वही....हमारा अपना होता है...!!

अंकित तिवारी 

 

****



 




हमने लिखी हमेशा
अपनी ज़िंदगी की हक़ीकत

मग़र लोगों ने पढ़ा हमेशा ही
उसे गज़ल..कविता और कहानी

तुमने पढ़ा मेरे लिखे को
मेरी ज़िंदगी की हक़ीकत
और अब तुम आज
मेरे दिल के सबसे क़रीब हो...!!



अंकित तिवारी

 

****  


की जो आई थीं आंधियां.....वे अब गुज़र गईं हैं
की चलो अब हम मिलकर..अपना घर सजाते हैं..!!

अंकित तिवारी

Thursday, April 22, 2021

सुनो!

मैं न मांग सका
उस ईश्वर से
की तुम हमें मिल जाओ

मैं माँग आया हूँ
उस ईश्वर से की
तुम मांग लो हमें उस से..!!

अंकित तिवारी 

 

****

 

ज़ीस्त के तपते........सहरा में
एक दरख़्त की छाया......तुम....!!

अंकित तिवारी 

 

****

मैं....अपने सीने से....अब तुम्हें......लगाना चाहता हूँ
मैं सिर्फ़ औ सिर्फ़ तुम्हारा हूँ.....तुम्हें बताना चाहता हूँ..!!

अंकित तिवारी 

मैं लिख तो दूं तुम्हारा नाम.........अपनी शायरी में
बस डरता हूँ....कहीं तुम्हें सबकी नज़र न लग जाये..!!

अंकित तिवारी 

 

**** 


इस दुनिया में दो ही तो चीज़ें हैं खूबसूरत
एक तुम्हारी बातें.....और दूजा तेरा चेहरा...!!


अंकित तिवारी 


****


ये और बात है की...........साफ़ नज़र नहीं आता है
हमें अब ख़्वाब में भी...तेरा ही चेहरा नज़र आता है..!!

अंकित तिवारी 


****

वो कहती है........वो मंद मंद मुस्कुराती है
हमसे बात करके............जब वो सोती है...!!

अंकित तिवारी 

 

**** 

 

 यूँ तो......बहुत रंग बिरंगी है........ये दुनिया
पर तेरी सादगी के आगे सब फ़ीका लगता है...!!

अंकित तिवारी 


****


उसकी नाराज़गी भी है.....ऐसे
करता है कोई छोटा बच्चा जैसे...!!

अंकित तिवारी



जो सोचा........की लिखूँ.......की क्या है प्रेम
आया बस यही ख़्याल की तेरा नाम ही है प्रेम...!!

अंकित तिवारी 

 

****

 

तुम्हें भी प्यार है हमसे...............सोचता हूँ 

अब उंगली में तुम्हारी मेरे नाम की अंगूठी होनी चाहिए...!!

अंकित तिवारी 


****


जैसे,,

माँ....अपने बच्चों का
किसान.....अपने खेतों का
बहनें....अपने भाईयों का

और
प्रकृति.....हम सभी का
जिस तरह....ख़्याल रखती है

सुनो!
कुछ ऐसे ही ख़्याल रखती हो....तुम मेरा....!!

अंकित तिवारी

 

 

 

जिसके
जीवन का
एक एक पल
हमेशा ही
दूसरों के नाम है

कर के
उसका
हर रोज़ तिरस्कार
कहता है पुरूष
की स्त्री तो महान है..!!

अंकित तिवारी 

 तुमसे प्रेम करने
तुमसे बातें
करने के
अलावा
अब और
क्या काम है हमें

अब तो
आ जाओगी
जिस दिन
तुम हमारे
क़रीब
उसी दिन
होगा आराम हमें.....!!

अंकित तिवारी

 
वो जितने
आसमां में
सितारे हैं न
उतना प्रेम है...हमें तुमसे

वो जितना
इस धरा पे
जल है न
उतना प्रेम है...हमें तुमसे

वो जितनी
चाँद में
शीतलता है न
उतना प्रेम है...हमें तुमसे

और वो जितनी
इस धरा पे
प्राणवायु है न
.
.
.
बस उतना सा ही प्रेम है...हमें तुमसे

अंकित तिवारी

मेरी ज़िंदगी को रंगने वाले सारे रंग
वहीं कहीं तुम्हारे पास बिखरे पड़े हैं

सुनो! मैं कभी उन रंगों को तुमसे मागूँगा नहीं
हो सके तो तुम ख़ुद आकर वे रंग मेरी ज़िंदगी में भर जाना..!!

अंकित तिवारी  


****


बात ये नहीं की तुम अब याद नहीं करते
बात तो ये है की तुम भूल ही क्यों गए..??

अंकित तिवारी


****


तू जो नज़र उठाकर देख ले...तो घायल ज़माना हो जाता
तो मैं कैसे न...तेरे इस हुस्न-ए-सूरत का दीवाना हो जाता..!!

अंकित तिवारी 


****

काँधे पे तेरे.....अब सिर्फ़ मेरा हक़ है
तेरी तस्वीर जो मेरी आँखों में बसी है...!!

अंकित तिवारी  


****


कभी कभी दिल करता है कि कोई खींच के अपने पास बिठा के कहे की “सब ठीक है...जल्दी सब ठीक हो जाएगा” तुम कभी कभी हमें यूँ ही अपने पास जोर से हाँथ खींच कर अपने सीने से लगा लिया करो...और कह दिया करो... सुनो! सब ठीक है....तुम मेरे साथ हो...मेरे पास हो...!!

 

अंकित तिवारी 

 

****

 चाहता हूं...अब
एक गुस्ताखी करना

तुम्हें प्यार से
अपने सीने
से लगा
तुम्हारे माथे पे
एक बोसा देना.......!!

अंकित तिवारी 


****


कोई इश्क़ लिखता है
कोई इश्क़ सिखाता है

पर असल इश्क़ क्या होता है
कोई भगत सिंह ही दिखाता है...!!

भारत माँ के वीर सपूत #भगत_सिंह की
जन्मजयंती पर उनको शत शत नमन।

अंकित तिवारी

हर पल साथ रहती हो.......मानो जैसे हवा हो तुम
सांस बनकर........हर पल रग रग में बहती हो तुम
बिन छुए भी...........हर पल महसूस होती हो तुम
धड़कन बन..कुछ ऐसे मेरे दिल में धड़कती हो तुम

सुनो! जानाँ...............मेरी ज़िंदगी हो..........तुम..!!

अंकित तिवारी 


****


चाहता हूं...अब
एक गुस्ताखी करना

तुम्हें प्यार से
अपने सीने
से लगा
तुम्हारे माथे पे
एक बोसा देना.......!!

अंकित तिवारी

उसे
कटघरे में
न खड़ा
करना कभी

तुम्हारे
प्रति उसके प्रेम
को लेकर.......!!

अंकित तिवारी 

 


 

सुनो!

मैं...तुम्हारे
बारे में
बहुत
कुछ नहीं
जानता हूँ

न ही...मैं
तुम्हारे
बारे में
बहुत कुछ
जानने की
इच्छा रखता हूँ

मैं तुमको
अपनी
आख़िरी
सांस तक
जीना
चाहता हूं

मैं तुमको
आजीवन
प्रेम
करना
चाहता हूँ

बिल्कुल
वैसी ही
जैसी तुम हो...!!

अंकित तिवारी 

प्रेम की
अनगिनत
परिभाषाएं
लिखी गईं
संसार के
असफ़ल
प्रेमियों
और
प्रेमिकाओं द्वारा

दरअसल
प्यास की
कीमत
हिरन ही
समझ सकता है
मछली नहीं....!!

अंकित तिवारी 

Wednesday, April 21, 2021

 वो फ़ूलों से
प्रेम करता था
तो उसने
फूल के पौधे लगाये
उनको पानी दिया
उनकी देखभाल की

वो फ़ूलों को
पसन्द करता था
वो आया
फूल को तोड़ा
उसकी सुगंध ली
और फूल को फेंक दिया

प्रेम...हमेशा
पसन्द
करने वालों
को ही मिला
प्रेम....
करने वालों को नहीं...!!

अंकित तिवारी

मैं........तुमसे......बहुत कुछ......नहीं चाहता हूँ
मैं...तुमसे...बस जीवन भर का...साथ चाहता हूँ...!!

अंकित तिवारी 

 

 

 

 


न बाढ़ से
न सूखे से
न ही आर्थिक मंदी से
न ही किसी परमाणु हमले से

दुनिया ख़त्म नहीं होगी
ऐसी किसी भी घटना से

दुनिया ख़त्म हो जाएगी उस रोज़
जिस रोज़ ख़त्म हो जायेगा...प्रेम...स्त्री के ह्रदय से..!!

अंकित तिवारी 

रहती हो........तुम.......मुझमें.......कुछ ऐसे
रहते हैं...शिव...काशी के कण कण में....जैसे

अंकित तिवारी 

 

 

ओ! इश्क़ करने वालों...........कभी प्रेम करके देखो
अपने प्रेयसी को कभी....बेटी की तरह चाह कर देखो..!!

अंकित तिवारी 

 

तेरी आँखें..........जैसे चौखट........पूजाघर की
घर से निकलते वक़्त....चूम लेता हूँ....तेरी आँखें...!!

अंकित तिवारी 

अच्छा सुनो!
जो कोई
तुमसे पूछे....रिश्ता हमारा
तो उससे इतना कह देना
.
.
यूँ तो हम दोनों
एक दूसरे से प्रेम करते हैं
पर वो हमें
अपनी पत्नी से ज्यादा
अपनी बेटी मानता है....!!

अंकित तिवारी 

लिखने बैठता हूँ........तो............याद आता है
कितना कुछ है....जो तुमसे अभी कहना बाकी है....!!

अंकित तिवारी 

 

 

 उन लड़कियों
की
जो आपके
चेहरे को
देखते ही
पहचान जाएं
आपके दर्द को
और धीरे से
आपके
काँधे पर हाँथ रख
बस इतना कह दें

की....कोई न
आप परेशान न हों
जल्द
सब ठीक हो जाएगा...!!



अंकित तिवारी 




 वो जिसने
मार डाला था
दो बेटी
हो जाने पर
एक बेटी को
कोख़ में ही

वो अब
ढूंढ रहा है
एक
सुंदर सी बहू
अपने बेटे के लिए...!!

अंकित तिवारी

 
सोच समझकर पांव बढ़ाना मेरे साथ इस सफ़र पे
ये सफ़र....उम्र भर साथ चलने का है...मेरी जानाँ...!!

अंकित तिवारी  



प्रिये!
मैं तुम्हारे...प्रेम में हूँ

तुम हमें...कुछ ऐसे सम्हाल लेना
जैसे..रोने पर
सम्हाल लेती है...एक माँ
अपने नन्हे से शिशु को...अपने आँचल में

मैं जब भी बढाऊँ हाँथ...तुम्हारी ओर
तुम थाम लेना...मेरा हाँथ

ताकि तुम्हारी हथेली पे
अपना नाम उकेरने का हमें कभी दुःख न हो...!!

अंकित तिवारी


सीने से लगा कर अपने........अब सहारा दो हमें
ये इश्क़ बहुत भारी सा लगता है...बंटवारा दो हमें

ये झील सी.........गहरी गहरी.........तुम्हारी आंखें
मैं डूब रहा हूँ इन आँखों में.....…..अब बचा लो हमें...!!

अंकित तिवारी 

 

 

 

 

प्रेम
.
.
.
ईश्वर द्वारा
परोसा गया
भोजन है.....!!

अंकित तिवारी

 तुम
पड़ना
प्रेम में
गर कभी

तो करना
अपने
प्रेमी/प्रेमिका
से
कुछ ऐसे प्रेम

जैसे
करता है
एक नन्हा शिशु
मिट्टी के बने
खिलौने से
और
अपनी जननी से....!!

अंकित तिवारी

घरेलू
स्त्रियों
के पास
होते हैं
बहुत
सारे आंसू
आँसू....हर घटना के लिए

आँसू
जो....देन होते हैं
घर के पुरुषों की......!!

अंकित तिवारी 

 जैसे
एक चिकित्सक
किसी घाव को
भरने के लिए
रुई के फाहे से
सहलाता है

ठीक
उसी प्रकार
प्रेम भी
सहलाता है
रूह को
रुई के फ़ाहों से
और भर देता है
रूह पर पड़े
सारे घावों को

और
तैयार करता है
रूह की
ज़मीन को
ख़ुशियों की
नई कोपलों के
उगने के लिए....!!

अंकित तिवारी

 हैं कितने ही सितारे..............हैं कितने ही नज़ारे
हटे नजर तुझसे...जानाँ...तो मैं उस चाँद को देखूँ...!!

अंकित तिवारी 



ये जो तुम
किसी स्त्री के
कपड़ों को देखकर
उसका
चरित्र
प्रमाणपत्र
बना देते हो

सच सच बताना
क्या यही तरीका
तुम अपने घर की
स्त्रियों पर भी आजमाते हो...!!

अंकित तिवारी 

 जो रहा हो
वियोग में
जो रोया हो
पल पल
किसी एक
अपने के लिए
जिसने देखा हो
एक एक कर
हर अपने को
ख़ुद से दूर जाते हुए

वो किसी को क्या
वियोग में देख पायेगा
वो किसी की आँखों में
क्या आंसू देख पायेगा
वो क्या किसी को
छोड़ कर जा पायेगा

सुनो! मैं तुम्हें छोड़ कर
कहीं न जा पाऊंगा.....!!

अंकित तिवारी

“माँ” न रही तो आता न अब परिवार से किसी का फ़ोन
“माँ”.......जितना.........भला प्रेम........करेगा भी कौन..?

अंकित तिवारी 

 

 प्रेम में
होने पर
तुम्हारी भेंट
ईश्वर से
होती है....या नहीं

ये जानने
के लिए
तुम्हें प्रेम को
स्वीकारना होगा....!!

अंकित तिवारी

 

 

 
वे जो
बच जाएंगे
किसी दंगे में
किसी धमाके में
किसी युद्ध में

वे फ़िर
सो जाएंगे
एक दिन
अपने अकेलेपन में
और अगली
सुबह का सूरज
उनकी आँखों में
नहीं चमक पायेगा

वे मारे जायेंगे
प्रेम न मिल
पाने के तनाव में....!!

अंकित तिवारी


हो जिसके
पास अनेकों
अपनों का
स्नेह व साथ
वो क्या ही समझेगा
किसी एक के
साथ की कीमत को

बहुत प्यासा ही
जानता है
एक बूंद पानी की
अहमियत यहां पर....!!

अंकित तिवारी 

प्रेम
.
.
.
महीने की
शुरुआत में
आने वाली
तनख़्वाह का
वो 500 का नोट है

जिसे हम
छुपा के
रखते हैं
महीने के
आख़िरी में
आने वाले
किसी भी
बुरे वक़्त के लिए...!!

अंकित तिवारी 

हां!...
तुम बनकर
हमारी अर्धांगिनी
हमसे बस
इतना ही
प्रेम करना....!

अंकित तिवारी 


 

 

 

वो कहते हैं
वो हमें
हमसे ज्यादा प्रेम करते हैं

अब कैसे कहें
हम उनसे
हम अपनी जान
छिड़कते हैं........उन पर..!!


अंकित तिवारी 

 भूतकाल में
घटी घटनाएं
वर्तमान की यादें
बन जाती हैं

कितना दर्दनाक
होता है
हम साथ “हैं”
का
हमारा रिश्ता “था”
हो जाना..........!!

अंकित तिवारी


वो हमसे
पूछा करते हैं
की हम
शादी के बाद
बदल तो न जाएंगे

अब हम
कैसे उन्हें बताएं

की जिसने देखा हो
हर एक अपने को
बदलते हुए
वो क्या किसी के
साथ ऐसा
कर पायेगा......!!

अंकित तिवारी 

 प्रेम.....जीवन पर्यन्त चलने वाली एक प्रक्रिया है

प्रेम....पहली नज़र में नहीं होता है....वो सिर्फ़ आकर्षण
होता है....और अगर कोई बस एक दफ़ा तुमको देखकर
एक दफ़ा तुमसे बात करके कहे....वो तुमसे बेइंतहा प्रेम
करता है/करती है....तो बच कर रहें ऐसे लोगों से....!!

अंकित तिवारी 

 

 

 प्रेम” की भी अगर कोई “प्रेमिका” होती
तो वो भी बिल्कुल......तुम जैसी ही होती...!!

अंकित तिवारी 



सुनो!
बाद शादी के
गर होऊं....मैं
परेशान कभी
किसी भी
समस्या को लेकर

तुम
सुलझा दिया करना
हर उस समस्या को
मेरे बालों में....अपनी
उंगलियों को फेरकर....!!

अंकित तिवारी

 

 



मेरे जीवन में
ठहरे इन
दुःखों के
कई कारण हैं

परन्तु मेरे
जीवन में
आए इस
सुख
का कारण
तुम.....
और सिर्फ़ तुम

तुम्हारा आना
मेरे जीवन में
मुझे सबसे
ज्यादा
ख़ुश करता है.....!!

अंकित तिवारी

 यूँ तो हमें
प्रेम में
गतिशील होना
हमेशा से ही पसंद रहा....!!

अंकित तिवारी 




सज़ा कर ख़्वाब आंखों में...हम दर पे तेरे आ बैठे हैं
बस इसी उम्मीद में की.....इस दफ़ा तुम टूटने न दोगी...!!

अंकित तिवारी 

 

प्रेम कहानियों में नहीं
प्रेम में....प्रेम पर भरोसा करना सीखो....!!

अंकित तिवारी 

 

 ए! आसमान...................मान ले न तू मेरी बात को
तोड़ दे कोई तारा...........तो मांग लूँ मैं अपने चाँद को..!!

अंकित तिवारी

तुम आना
मेरे जीवन में
बनकर
जब मेरी
अर्धांगिनी

तो दे देना
हमको
बस
एक झोला प्रेम.....!!

अंकित तिवारी 

 


 

कोई अगर अब पूछेगा हमसे.....प्रेम देखा है क्या...??
कह दूंगा मैं........हां!.........मैंने “तुमको” देखा है...!!

अंकित तिवारी 

 आदमी के
अंदर भी
होता है
एक और आदमी

और

स्त्री
के अंदर भी
होती है
एक और स्त्री

पर दुर्भाग्य
यह है कि

स्त्री
देख लेती है
आदमी के
अंदर के और
बाहर के
आदमी को भी

पर आदमी
देख पाता है
बस स्त्री के
बाहर की
स्त्री को........!!

अंकित तिवारी

प्रेम....सारी दुनिया को....अपने प्रेमी/प्रेमिका के
हथेली तक सीमित कर देता है......!!

अंकित तिवारी 

 

 

प्रेम....

कुछ और नहीं
बस होता है
माँ की ममता
और पिता की
गोद सा होता है....!!

अंकित तिवारी 

कई सारे
नुकीले
हथियारों को
जांचने के बाद
हमने जाना

गुस्से में
किसी के लिए
कहे गये शब्दों
से ज्यादा नुकीला
कुछ भी नहीं होता....!!

अंकित तिवारी 

प्रेम....

एक नन्हे से
अबोध
बालक
की भांति
हठी और चंचल
होता है

जिस पर
जितना आवश्यक है
अधिकार जताना
उतना ही आवश्यक है
उसके प्रति अपना
समर्पण भाव रखना....!!


अंकित तिवारी 

करूं भी तो कैसे करूं.......गुफ़्तुगू..........मैं ज़माने से
एक शख़्स है मेरे पास....जिससे मेरा जी ही नहीं भरता...!!


अंकित तिवारी 

 न जाने
कितने ही
मानचित्र
गढ़ती होंगी
अपने आसपास

वे स्त्रियां

जो कह देती हैं
बस चारदीवारी
को ही
अपना संसार...!!

अंकित तिवारी

 
मैं समेट लेना
चाहता हूँ
इस धरा
के सम्पूर्ण
जल को
अपनी
हथेलियों में

ताकि तुम
गर पूछो हमसे
किसी रोज़
की हम तुमसे
कितना
प्रेम करते हैं

तो मैं
खोलकर
अपनी
हथेलियों को
तुम्हें
दिखा सकूं
.
.
.
तुम्हारे लिए.....अपने प्रेम को...!!

अंकित तिवारी

इस धरा पर
घटित
होने वाली
सभी
क्रियाओं को
जब
बांधा गया है

एक
तय सीमा
के दायरे में

तो फ़िर
प्रेम को
क्यों नहीं
बांधा गया
किसी सीमा
के दायरे में...!!


अंकित तिवारी 

प्रेम में
पड़कर

प्रेमियों को
प्रेम कविताएं
लिखने से ज्यादा

उन प्रेम कविताओं को
जीना सीखना चाहिए...!!

अंकित तिवारी 

 वो करती है
तुमसे
बेइंतहा प्रेम

प्रेम में...वो
अपना सर्वस्व
त्याग कर
तुम्हारे पास आई है

उसे अपने
मतलब के
हिसाब से
इस्तेमाल कर
दुत्कार देना

उस स्त्री के
साथ साथ
उस प्रेम
का भी
अपमान है
जो उसने
तुमसे किया था....!!

अंकित तिवारी

सीधी साधी सी एक लड़की आ बसी है........दिल में
पर लगता है जैसे कोई अप्सरा आ बसी है.....दिल में...!!

अंकित तिवारी 

 

हम तो पड़े थे इस दुनिया में...........बिखरे हुए शब्द से
दिल में तुमने अपने बसाकर हमको एक गीत बना दिया..!!


अंकित तिवारी 

 

 अब जाकर मिला हूँ ...............उससे
जिसने मिलाया है .....मुझे......मुझसे

अंकित तिवारी

जैसे
सुबह का सूरज
बिखेर देता है
धूप.......हरे-भरे बाग़ानों पर
.
.
.
कुछ वैसे ही
वो अपने खुले केशों को
हर सुबह
बिखेर देती है......मेरे शानों पर....!!

अंकित तिवारी 

 तुमको
बनाया है
उस ईश्वर ने
किसी और मिट्टी से....जानाँ

तुम
बनाई गई हो
सिर्फ़ औ सिर्फ़
प्रेम करने के लिए.......जानाँ..!!

अंकित तिवारी

 

जब देखती हो तुम मुस्कुरा कर....हम खो जाते हैं
जब देखते हैं उसको.................हम खो जाते हैं

न देखा करो मेरी जानाँ.........यूँ टकटकी लगाकर
सच कहूं !तो मेरी जानाँ..............हम खो जाते हैं...!!

अंकित तिवारी  

 

 

और लगाकर
तुमको
अपने सीने से
कह दूंगा
धीरे से
तुम्हारे कान में
की...

सुनो ! जानाँ
बहुत अच्छी हो तुम .. बहुत अच्छी ..!!

अंकित तिवारी 

 


 


मेरी आँखों में बसी अपनी तस्वीर को देखना कभी तुम
तुम जान जाओगी...................कितनी प्यारी हो तुम..!!

अंकित तिवारी 

 

****

 

क़यामत टूटेगी !....न जाने कितने ही दिलों पे आज
के चाँद का चाँद से............सामना जो होगा आज...!!

अंकित तिवारी 

ए! आसमां के चाँद
आज फ़लक पर जल्दी आना

तेरे इंतज़ार में....आज मेरा चाँद
सुबह से......भूखा प्यासा बैठा है...!!

सुनो! तुमको #करवा_चौथ की ख़ूब ख़ूब सारी शुभकामनाएं

अंकित तिवारी 




तुम्हारा
प्रेम
कुछ
वैसे ही आया
मेरे जीवन में

जैसे
किसी सूख कर
जर्जर हो चुके
किसी पेड़ की
एक सूखी हुई
डाल पर
उग आता है
अचानक से
एक नन्हा सा..हरा पत्ता

और उस
पत्ते को देखकर
वो जर्जर
हो चुका पेड़
एक दफ़ा फ़िर
उठ खड़ा होता है
इस आस में
की अभी उसकी
ज़िंदगी कुछ और बाकी है....!!

अंकित तिवारी 

किसी रात जो
सोते सोए
जाग जाएं हम

और फ़िर
अगर हमको
नींद न आये तब

तुम मेरे सर को
अपनी गोद
में रख
क्या मुझको
प्यार की नींद सुलाओगी..?

सुनो! जानाँ
क्या तुम हमें एक नन्हे से
शिशु का प्यार दे पाओगी...??

अंकित तिवारी 

लेकिन हम
ये भूल जाते हैं
कि स्त्री का
धन से
कोई सम्बन्ध नहीं है
.
.
स्त्री का
सम्बन्ध है
सिर्फ़ और सिर्फ़...प्रेम से...!!

अंकित तिवारी  

 




दुनिया के कुछ
सबसे कठिन कार्यों
में आता है
किसी को “सुनना”

तुमसे होती
घँटों बात से
मैंने सीखा “सुनना”

दुनिया का
एक कठिन कार्य भी
तुमको सुनने से
बन गया सरल......!!

अंकित तिवारी
 

 
वही प्रेम
जिसमें
पड़कर
मैं
देख रहा हूँ
सिर्फ़ तुमको
और
तुम्हारी
आंखों से
इस सम्पूर्ण
संसार को...!!

अंकित तिवारी 

 

 


 

वे इलाक़े जहां
पाए जाते हैं
उच्च श्रेणी के लोग

होती हैं
हर रोज़ उन
उच्च श्रेणी के
लोगों के घरों में
रोज़
बड़ी बड़ी पार्टियाँ

और होती हैं
उन पार्टियों में
हर रोज़ ही
जातिवाद पर चर्चाएं

क्या उन घरों में
बनी रोटियों की भी
होती है
क्या कोई जाति...??

अंकित तिवारी 

 तेरी आवाज़ से मधुर
कोई आवाज़ नहीं
.
.
बस तू ही आख़िरी है
अब कोई और चाहत नहीं...!!

अंकित तिवारी 


****

 

 

 
उससे प्रेम करने का दावा भी करते हो
और उसी पर संदेह भी करते हो .. तुम

तो सुनो ! ...... आत्मा तो मर चुकी है तुम्हारी
फ़िर भी ज़िंदा होने के दावे कैसे करते हो तुम..?

अंकित तिवारी 

 

**** 

 

 तेरी नज़रें ही तो......मुझे.......ख़ाश बनाती हैं
वरना तो मैं........महज़ एक आम इंसान ही हूँ...!!

अंकित तिवारी

 
कितना
अच्छा होता न !

गर हमें मालूम
होता की
उस पिता की
“माँ” कौन है
जो है हम
सभी का पिता

जाकर अपनी
दादी के पास
रोते हुए कर देते
हम भी
अपनी शिकायत

जब वो
छीन लेता
हमसे
हमारी मनपसंद
की कोई भी चीज़...!!

अंकित तिवारी

मिरी हर रात का एक महकता सा ख़्वाब बन जाओ
मिरे लबों से लब लगाओ.......मिरी आब बन जाओ...!!



अंकित तिवारी 

****



पगली सी .. चंचल सी .. एक लड़की है
जो बनने वाली .... अब मेरी ... पत्नी है ..!!



अंकित तिवारी  

 

****


अटलांटिक
महासागर सा
मेरे
चहुँ ओर
फ़ैला तुम्हारा प्रेम

और
तुम्हारे प्रेम रूपी
उस महासागर में
डूब चुका
मैं एक “टाइटैनिक”.....!!

अंकित तिवारी 

 

***** 

दिन के
चौबीसों घण्टे
आईने के
सामने
खड़े होकर
चेहरे को
चमकाने में
लगे रहने
वाले लोग

दरअसल
ज़िंदगी भर
नहीं देख पाते
ख़ुद को कभी......!!



अंकित तिवारी 

 

**** 

आज़कल के रिश्ते
.
.
जब मन भर जाता है .. तो
इल्ज़ाम लगा कर दूर हो जाया करते हैं ..!!

अंकित तिवारी 

 

****

 

तुम पूछा न करो ..... मेरे लिए ......  सुकूँ क्या है ..?
मेरे लिए सुकूँ बस ... मेरे हाँथों में ... तेरा हाँथ है.....!!

अंकित तिवारी 

 

**** 

 

 

किस हद तक ............ किसी से ......... प्रेम किया जाए
किस बात पे रोया जाए किस पे हंस के टाल दिया जाए..!!

अंकित तिवारी 

****

 

रूबरू होगे हमसे कभी .. तो हमारे क़ायल हो जाओगे
दूर से ही देखोगे तो ......... हम मग़रूर ही नज़र आएंगे..!!

अंकित तिवारी 

****

 

तुम कहाँ हो..??
.
.
कभी तो दिल से
निकल कर
सामने से मिलने आओ
.
.
सुनो !
तुम कहाँ हो..??
तुम बहुत याद आते हो ..!!

अंकित तिवारी 

****

 

 

यूँ तो मैं
कर सकता हूँ .. प्रेम

धरती से
प्रकृति से

आकाश से
चाँद की
सुंदरता से

वन उपवन से
पहाड़ .. नदियों से
कल-कल कर
बहते झरनों से
हो सकता है
कभी स्वयं से

मग़र नहीं
कर सकता मैं
तुमसे किया प्रेम

“किसी और से”



अंकित तिवारी  

****

24

 
किसी की मृत्यु पर
होने वाले शोक से भी
अधिक ह्रदयविदारक होता है
.
.
किसी अर्थी को कांधा देते समय होने वाला .... रूदन ..!!



अंकित तिवारी 

****



रातें रह रह कर उसकी .. चिल्लाया करती हैं
लगता है ! ख़्वाब उसके .....  सारे मर गए हैं !!

अंकित तिवारी 

****

हो ऐसा
की
किसी रोज़
मैं आईना
बन जाऊं

तुम
हो कितनी
सुंदर
कभी तुमको
ये भी दिखाऊँ ..!!

अंकित तिवारी 

क्या तुम
मिलोगे
हमसे
उस दुनिया
में भी
जहां है
अनुमति
सिर्फ़ आत्माओं
के मिलन की.....!!

अंकित तिवारी 

**** 




लेकिन, तुम मेरी कल्पना की वो मूर्ति हो .. जो मुझे प्रत्यक्ष प्राप्त
है .. और जिसे मैं .. जीवन भर पूजना चाहता हूँ .. अपने प्रेम से

सुनो! मैं कहना चाहता हूं .. की तुम उस ईश्वर द्वारा रचित इस
संसार की सबसे सुंदरतम रचना हो .. हाँ ! तुम बहुत सुंदर हो !!

अंकित तिवारी 

 



 

हटाती है
जब वो
पेशानी से
अपनी जुल्फ़ें
लज़ाकर
ख़ुद ही
अपनी नज़रें
झुका लेती है

सुना है
वो आजकल
लेकर अपने
लबों से
मेरा नाम
ख़ुद ही
ख़ुद से
लज़ा लेती है....!!

अंकित तिवारी 

 महज़ कुदरत का करिश्मा ही नहीं
ख़ुद कुदरत होती हैं .... बेटियाँ

वो जो दुनिया को बचाकर रखे
वो अमृत होती हैं ....    बेटियाँ

बचा लो इनकी इस प्यारी सी मुस्कान को
वरना कहाँ से लाओगे इस धरा पर खुशियाँ..!!

अंकित तिवारी

..

मैं .. जहाँ
कहीं भी हूँ
वहाँ .. तुम
क्यों नहीं हो
.
.
तुम
कहती हो
तुम .. मुझमें
ही बसी हुई हो
.
.
तो फ़िर
मेरी आँखों से
ओझल
क्यों हो तुम..??

अंकित तिवारी 

पीकर .. तेरी आँखों की .. नमी
तेरे रुख़सारों पर .. हंसी लानी है...!!

अंकित तिवारी 

 

**** 


कुछ ज्यादा ही खेले हैं बचपन में पानी से शायद
इसीलिए रहती है हर वक़्त आँखों में नमी शायद...!!

अंकित तिवारी 

****

मिरा हर दिन
हो तुम
मिरी हर शब
हो तुम
मिरी हर शाम हो
सिर्फ़ तुम

आसमां से
बरसता हुआ नूर
मिरी गुलफ़ाम
हो सिर्फ़ तुम.....!!

अंकित तिवारी 

वो ....
जो कहते हैं
वो पुरुष है ... उसका
दिल तो
पत्थर का होता है
उसे रोना शोभा नहीं देता
.
.
उन्होंने शायद
नहीं देखा
किसी पहाड़ से
निकलती हुई किसी
नदी को.....................!!

अंकित तिवारी 

जो लिखते हैं
प्रेम कविता

वे होते हैं
किसी के प्रेम में

या रहे होते हैं
किसी के प्रेम में

या प्रेम उनमें
रह रहा होता है
एक चुटकी
ही सही
प्रेम की
अभिलाषा लिए....!!

अंकित तिवारी 

 

**** 


हां! देखता रहता हूँ
अब तुमको हर घड़ी
और जानता हूँ
तुमको ये ख़बर भी नहीं है

रुकीं हैं मेरी साँसें
तुम्हारी ही नज़रों में कहीं
हंसती है मेरी ख़ुशी भी
वहीं तुम्हारे ही होंठों पे कहीं

देखता हूँ तुमको तो
ठहर सी जाती है दुनिया मेरी
और जानता हूँ मैं
तुमको ये ख़बर भी नहीं है....!!

अंकित तिवारी 


****

कोई वस्तु .. कितनी उपयोगी है .. यह आपकी मूल्यांकन करने की
योग्यता पर निर्भर करता है....!!

अंकित तिवारी 

**** 


पूछना आईने से ... उस पर क्या गुज़रती होगी
जिसके सामने बैठ .. तू .. जुल्फ़ें सँवारती होगी...!!

अंकित तिवारी 


***


ज़िंदगी हमें
कुछ इस तरह
भी सताती रही

मेरे दिल का
ठिकाना
कहीं और था

वो पता
कहीं और का
हमें बताती रही...!!

अंकित तिवारी

 मालूम है एक मुलाक़ात की हमारी फ़रमाइश बेमानी है
तुमसे मिलने की गर्मजोशी भी अब फ़ीकी पड़ने लगी है

हिसाब रखो तुम की हमने कितनी रातें जाग कर गुजारी है
तुम आना क़रीब .. तुमसे हर रात का हिसाब लेना बाक़ी है..!!

अंकित तिवारी 


***


नारी है वो
कोई वस्तु नहीं
जो तुम उसको
माप सको

मत मापो उसको
उसकी बाह्य सुंदरता से
तुम देख सको तो
देखो उसके
दिल की सुंदरता को

फ़िर तुम पाओगे
दिल की
सुंदरता का माप
कई गुना ज्यादा
उसकी बाह्य सुंदरता से.....!!

अंकित तिवारी

प्रेम में
पड़ी स्त्री
एक नन्हे से
शिशु की
तरह होती है
जो कभी भी
किसी भी
भावना में
बहने लगता है

कभी फफक
कर रोने लगता है
तो कभी
खिलखिला
कर हंसने लगता है
जो कभी
सहम जाता है
तो कभी प्रेम से
अपनी माँ के
सीने से लग जाता है....!!

अंकित तिवारी 

हमने सोचा न था

आप यूँ अचानक से
इक दिन हमको मिल जाएंगे
बिखरे हुए ख़्वाब सारे
आँखों में  फ़िर से मुस्कुरायेंगे .. हमने सोचा न था

आप आएंगे और
इस तरह मेरे दिल में बस जाएंगे
थाम कर हाँथ मेरा
यूँ हमको संग अपने ले जाएंगे .. हमने सोचा न था...!!

अंकित तिवारी 

तुम कस्तूरी
चंदन सी
तुम केशर
मृगनयनी सी
.
.
पाने को
बेचैन रहे
हर पल
मेरा मन...!!

अंकित तिवारी 

 हां ! मैं
चाहता हूं
बदलना
इस विधि
के विधान को

मैं बस
चाहता हूं
इतना की
अब कोई और
दुःख या कष्ट
न छू सके
फ़िर कभी तुमको...!!

अंकित तिवारी 





 और तब
मैं दूंगा पनाह
तुमको
अपनी बाहों के
प्रेम रूपी घोंसले में....!!

अंकित तिवारी 

 


 



संसद भवन में स्थापित सेंगोल का क्या इतिहास है ?(पांच हजार पूर्व का इतिहास )

पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...