Thursday, April 22, 2021

मेरी ज़िंदगी को रंगने वाले सारे रंग
वहीं कहीं तुम्हारे पास बिखरे पड़े हैं

सुनो! मैं कभी उन रंगों को तुमसे मागूँगा नहीं
हो सके तो तुम ख़ुद आकर वे रंग मेरी ज़िंदगी में भर जाना..!!

अंकित तिवारी  


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बात ये नहीं की तुम अब याद नहीं करते
बात तो ये है की तुम भूल ही क्यों गए..??

अंकित तिवारी


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तू जो नज़र उठाकर देख ले...तो घायल ज़माना हो जाता
तो मैं कैसे न...तेरे इस हुस्न-ए-सूरत का दीवाना हो जाता..!!

अंकित तिवारी 


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