क्यों उनकी आंखों से
निकला आंसू हर कोई
देख नहीं पाता है..
आजकल तो हर कोई
लड़कों को ही
बुरा बताता है..
वो करते हैं प्यार अपनों को
खुद से भी ज्यादा
फिर न जाने क्यों उनके
प्यार का हिसाब
हर बार लगाया जाता है..
और आजकल तो हर कोई
लड़कों को ही
बुरा बताता है..
अपने लिए
कभी नहीं करते
फरमाइश ये
हर बार अपनों की
खुशी में इन्हें भी
खुश पाया जाता है..
माना नज़रें गन्दी होतीं हैं
कुछ लड़कों की बेशक़
पर उनकी गलतियों का
इल्जाम हर किसी पर क्यों
लगाया जाता है..
और न जाने क्यों
आजकल हर कोई
लड़कों को ही बुरा
बताता है..
दिल के टूट जाने पर भी
नहीं कहते ये
बेबफ़ा किसी को..
लेकिन धोखेबाजी का ताज़
हर बार इनके
सर पर ही
सजाया जाता है..
और ये सब
अनदेखा कर के भी
आजकल तो
हर कोई
लड़कों को ही
बुरा बताता है..
अंकित तिवारी
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