काश एक दिन ऐसा होता मेरे पति देव सुबह सुबह मुझे
चाय देते हुए उठाते । वो भी चाय कि साधारण कप नही ।
एक ट्रे में दो कप चाय उसमे एक गुलाब का फूल और उनकी ये प्यारी मुस्कान ।
मेरे पति देव मुझपे हस्ते हुए बोले ये सब फिल्मों में होता है ।लेकिन मैं इसे सत्य नही मानती क्योंकि कल्पना कभी भी कोरी नही होती कल्पना को कल्पना बनाने के लिए हकीकत का मशाला होना जरूरी है । फिल्मों में फिल्माई गई तस्वीरें किसी न किसी की कहानी होती है । किसी हकीकत में कुछ कल्पना डाल के उसे सजाया जाता है ।
यदि हम इसे एक कल्पना ही माने तो क्या कल्पना करना और उसे सार्थक होते देखना गलत है ।
हमारे रिश्ते आज बिखरते जा रहे है । घरों में रोज बर्तन बजते है कारण क्या है इन सब चीजों का ,कभी सोचा है ?
यदि नही सोचा तो सोचना चाहिए 🤔
हम किसी भी रिश्ते को एक अपनी ड्यूटी की तरह निभाते है । हम सभी इतने व्यस्त है अपने रोज के कार्यों में कि हमे अपने आस - पास होने वाली घटनाएं या आस पास के लोग दिखाई ही नहीं देते ।
हमारी मां हमे रोज सुबह उठकर खाना पका के देती है हम उसे कभी थैंक यू नही बोलते ।
हमने आभार प्रकट करना सीखा ही नही है ।
हमारी बहनें हमारे लिए इतना कुछ करती है हमारा कभी ध्यान नहीं जाता ।
हमारे भाई, पति, और पिता इतना कुछ करते है हमारा कभी ध्यान नहीं जाता ।
हम हमेशा दूसरे को देखते रहते है ।
हमे किसी भी व्यक्ति की कमी तब महसूस होती है जब वो हमारे साथ नही रहता ।
आज कल रोज प्रेम विवाह होते है और रोज टूटते है ।
कारण क्या हो सकता है 🤔।
कारण बस इतना है हम पहले उसे अत्यधिक प्रेम भरा रखते थे ।बाद में हमने सिर्फ घर की जिमेदारियों में सीमित कर दिया ।
अब आपने किसी को रोज 4 रोटी ,चावल रसगुल्ले ये सब खिलाने की आदत डाली हो और बाद में सिर्फ एक सुखी रोटी देना सुरु कर दो तो वो व्यक्ति धीरे धीरे मार जायेगा नही तो इतना कमजोर हो जाएगा कि किसी काम का नही रहेगा ।
हमे इतना तो करना ही चाहिए अपने रिश्तों के लिए कि
उसे रोज ये एहसास दिलाएं की कोई व्यक्ति आपके लिए कितना खास है ।
ये एहसास दिलाने के लिए आप बहुत कुछ कर सकते है ।
आपने दिल तो टटोलिए और अपने ख़ास के साथ उसे बाटियें ।
वरना किसी के मरने के बाद उसके तस्वीरों पे गुलाब के फूलों का माला लगाने का ही क्या फ़ायदा
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