तुम्हारे बाद..खुद को हर रोज तराशता हूं
ताकि जी सकूं वैसे..जैसे तुमने कहा था
आंसू की एक बूंद भी अब नही गिराता
जी भर के मुस्कुराता हूं
जाते वक्त अपनी कसम देकर
तुमने यही तो मांगा था मुझसे
फिर भी देखो ना !!
लोग न जाने क्यों कहते हैं कि,
मैं जो लिखता हूँ या जो बोलता हूं
उससे सिसकियों की आवाज आती है .....
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