Sunday, November 15, 2020

 आख़िरी मुलाक़ात में


अपने आंसुओं को बमुश्किल पोछते हुए वो बोली .. आज के

बाद तुम्हारी नज़रों में मेरी क्या अहमियत रहेगी .?


उसने कहा .. जब भी तुम्हें मेरी ज़रूरत होगी .. तुम्हारे शहर को

जाती दिन की पहली ट्रैन .. मुझसे कभी नहीं छूटेगी .!!

No comments:

Post a Comment

संसद भवन में स्थापित सेंगोल का क्या इतिहास है ?(पांच हजार पूर्व का इतिहास )

पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...