तुम्हारा
प्रेम
कुछ
वैसे ही आया
मेरे जीवन में
जैसे
किसी सूख कर
जर्जर हो चुके
किसी पेड़ की
एक सूखी हुई
डाल पर
उग आता है
अचानक से
एक नन्हा सा..हरा पत्ता
और उस
पत्ते को देखकर
वो जर्जर
हो चुका पेड़
एक दफ़ा फ़िर
उठ खड़ा होता है
इस आस में
की अभी उसकी
ज़िंदगी कुछ और बाकी है....!!
अंकित तिवारी
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