हटाती है
जब वो
पेशानी से
अपनी जुल्फ़ें
लज़ाकर
ख़ुद ही
अपनी नज़रें
झुका लेती है
सुना है
वो आजकल
लेकर अपने
लबों से
मेरा नाम
ख़ुद ही
ख़ुद से
लज़ा लेती है....!!
अंकित तिवारी
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