Saturday, April 24, 2021

कब तलक यूँ
ढोता रहूंगा
अपने दिल में
अनकही
बातों का भार लिए

किसी रोज़
भर कर गुब्बारे में
अपनी अनकही
बातों को उड़ा दूंगा
तुम्हारी ओर

सुनो!
तुम पकड़ लेना
उस गुब्बारे को
और पढ़ लेना
उसमें भरी
मेरे दिल की
अनकही बातों को
जो सिर्फ़ तुम्हारे लिए हैं..!!

 

 

अंकित तिवारी  

 


 

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