Thursday, April 22, 2021

जो सोचा........की लिखूँ.......की क्या है प्रेम
आया बस यही ख़्याल की तेरा नाम ही है प्रेम...!!

अंकित तिवारी 

 

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तुम्हें भी प्यार है हमसे...............सोचता हूँ 

अब उंगली में तुम्हारी मेरे नाम की अंगूठी होनी चाहिए...!!

अंकित तिवारी 


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जैसे,,

माँ....अपने बच्चों का
किसान.....अपने खेतों का
बहनें....अपने भाईयों का

और
प्रकृति.....हम सभी का
जिस तरह....ख़्याल रखती है

सुनो!
कुछ ऐसे ही ख़्याल रखती हो....तुम मेरा....!!

अंकित तिवारी

 

 

 

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