मेरी कैनवास सी ज़िंदगी
जिसमें ये थोड़े से रंग तुमने ही भरे हैं
एक उदास से चेहरे पर
ये थोड़ी सी हंसी तुम ही लेकर आई हो
मेरे गिरते हुए आंसुओं को रोक
उन्हें मोती सा तुमने ही बनाया है
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एक अरसे से बंजर पड़े मेरे ह्रदय में
ये प्रेम धुन तुमने ही बजाई है..!!
अंकित तिवारी
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