सज़ा कर ख़्वाब आंखों में...हम दर पे तेरे आ बैठे हैं
बस इसी उम्मीद में की.....इस दफ़ा तुम टूटने न दोगी...!!
अंकित तिवारी
प्रेम कहानियों में नहीं
प्रेम में....प्रेम पर भरोसा करना सीखो....!!
अंकित तिवारी
ए! आसमान...................मान ले न तू मेरी बात को
तोड़ दे कोई तारा...........तो मांग लूँ मैं अपने चाँद को..!!
अंकित तिवारी
No comments:
Post a Comment