माँ कामधेनु की कथा
पुराणों के अनुसार माँ कामधेनु माता ...समुन्द्र से प्रकट हुई थी ............
इन्हे कई और नामो से भी पुकारा जाता है |
सुरभि
नंदनी
सुमन
सुशीला
सुमन ..
ऐसे तो सारी गायों में माँ लक्ष्मी का निवास है ||
ऐसा माना जाता हैं की एक बार स्वाम माँ लक्ष्मी सारी गायों के पास गयी और उन्होंने ने कहा .....
मैं लक्ष्मी हूँ , मैं जिसमे निवास करूँ .......वो सरे सुखों से संपन्न होता है.............हे गौ,, मैं आप सभी में प्रवेश करना चाहती हूँ |
आप मुझे स्वीकार करिये तबसे .............सभी गायों में माँ लक्ष्मी का निवास होता है ||
कामधेनु माँ की कथा भगवान् परशुराम से जुडी है ..............
कहा जाता है की , भगवान् परशुराम के पिता ऋषि जमदग्नि को इंद्रा प्रभु ने माँ कामधेनु को कुछ समय के लिए .....सेवा के लिए दिया था ........एक दिन उनके आश्रम में ....एक सहस्त्रबाहु नाम के एक राजा आया , जो की बड़ी ही अभिमानी था , उसे किसी भी क्षत्रिय से युद्ध में ना हारने का वरदान प्राप्त था |
महर्षि जमदग्नि ने ............राजा का स्वागत बड़े भब्य तरीके से किया ................राजा ने कौतूहल स्वरुप जानने के लिए की .......कैसे ऋषि ने इतना भब्य स्वागत किया .......ऋषि ने कोइ उतर न दिया ............फिर राजा ने स्वम पता किया ........
तब उसे पता चला की .......ऋषि के पास माँ कामधेनु है जो समस्त अभिलाषाएँ पूरी करती है |
राजा लोभी था .......वो बलपूर्वक माँ कामधेनु को ले आया |
ये बात जब भगवान् परशुराम को पता चली तो उन्होंने राजा से अपनी माँ कामधेनु मांगी .......राजा ने देने से इंकार कर दिया ..........फिर परशुराम प्रभु राजा को युद्ध में हरा कर माँ कामधेनु को वापस ले आए ||
No comments:
Post a Comment