Tuesday, June 8, 2021

कोई मिल जाता

 थी मेरी इतनी सी हसरत
की कोई मिल जाता अब मुझको भी

किसी की ज़रूरत थी
की कोई मिल जाता अब मुझको भी..!!



अंकित कुमार 

 

की तेरी जुल्फ़ों के.....साये में अब डूब के मरना है
प्रेम हो गया है तुमसे..अब और क्या होना बाकी है...??

 

***

 

 सुनो! हो सके तो....इक़ दफ़ा मिलने....जरूर आना भले ही मेरी अंतिम सांस छूटने से पहले आना...!!

 

अंकित तिवारी  

 

No comments:

Post a Comment

संसद भवन में स्थापित सेंगोल का क्या इतिहास है ?(पांच हजार पूर्व का इतिहास )

पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...