लड़ने लगती थी वो कभी कभी इस बात पर भी
मैं फ़ोन तो करता हूँ.....पर याद नहीं करता..!!
अंकित तिवारी
कभी जो पड़ो.......तुम प्रेम में तो अपने प्रेमी/प्रेमिका का...ख़्याल कुछ ऐसे रखना जैसे एक माँ रखती है...ख़्याल अपने बच्चों का....फ़िर बच्चे कितने ही बड़े क्यों न हो जाएं..!!
अंकित तिवारी
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