जब मिली थीं तुम..न तब समझ आईं थीं..फ़िर जब साथ रहीं
तुम तीन वर्ष तक..तब भी मैं तुम्हारे और एक माँ के प्रेम में
अंतर न कर सका..सोचता था शायद मेरी माँ जीवित होती तो
तुम जैसी ही होती
और फ़िर जब एक पल में सबकुछ ख़त्म कर दिया तब भी मैं
समझ न सका...की ऐसा क्यों..!!
ख़ैर!
अंकित तिवारी
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