Monday, March 2, 2020

अकेलापन

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अंदर जब तूफान हो
और ऊपर से सब शांत हो
मन हौले से उदास हो
रिश्तों का न एतबार हो
बस खाली दिल का जाम हो
सन्नाटा गूंजता आर पार हो
गले लगने को किसी के
दिल चाहता सौ बार हो
पर कोई नहीं जो छूकर
मेरी खामोशी सुने
मेरे अंदर के शोर को
अपने स्पर्श से शांत करे
अब लगती ये ख़्वाहिशें
जैसे ताउम्र का भार हों..
 
 
Ankit Tiwari  
 

 

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