प्रेम ही तो है
जो
करा देता है बिन बादल बरसात
जो
उगा देता है हरा भरा उपवन किसी मरुस्थल में भी
जो
बना देता है मनुष्य को भी ईश्वर
जो
कर देता है लम्हों को भी एक उम्र
जो
करा देता है इंतज़ार सदियों का .. मिलन को
थम जाओ न करो इसकी दुर्गति
दुर्गति इसकी लाएगी एक रोज़ विनाश .!!
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