Monday, November 16, 2020

प्रेम ही तो है


जो

करा देता है बिन बादल बरसात

जो

उगा देता है हरा भरा उपवन किसी मरुस्थल में भी

जो

बना देता है मनुष्य को भी ईश्वर

जो

कर देता है लम्हों को भी एक उम्र

जो

करा देता है इंतज़ार सदियों का .. मिलन को


थम जाओ न करो इसकी दुर्गति

दुर्गति इसकी लाएगी एक रोज़ विनाश .!!

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