मैं कितना भी
कुछ भी लिख दूँ
पर जब तक
मैंने जो लिखा
उसके बहुअर्थों
में से भी
वास्तविक अर्थ
न निकाल सको तुम
न समझ सको
जब तक तुम
मैं जो लिखकर
भी न लिख सका
तब तक तुम न
समझना
तुम प्रेम में हो
मेरे शब्दों के प्रेम में हो .!!
पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...
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