Thursday, November 19, 2020

जब कभी हम

मिलेंगे तुमसे

तब तुम
मत कहना
हमसे की तुम
करती हो
हमसे बेइंतहा प्रेम

हो सके तो
ले जाना तुम हमें
किसी अंधेरी रात को
खुले आसमां के नीचे
जहां तुम्हारी
आँखों की चमक से
फ़ैल रही हो
चाँद सी रोशनी

भरकर मेरे गालों को
अपनी हथेलियों में
तुम बस
पूछ लेना हमसे
उस आसमां
के चाँद
की ओर
निहारते हुए

क्या तुम
मिलोगे हमसे
उस दुनिया में भी
जहां है
अनुमति सिर्फ़
आत्माओं के
मिलन की

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