Thursday, November 26, 2020

किसी दिन

यूँ बरसे

कोई बादल

की भिगो दे

बरसों से सूखे पड़े

इस दिल को

और जिससे .. फूटें

कुछ कोपलें .. जो

भर दे .. धड़कनों से

इस सूखे दिल के गुलिस्तां को ..!!


काश!

पर अब असम्भव ही है

ऐसा कुछ भी होना ..!!

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