मैं तुम्हें
देना चाहता था
उतना प्रेम
हैं जितने इस
धरा पर वन उपवन
सुनो!
मैं तुमसे चाहता था
बस उतना सा प्रेम
जितना उन घने वनों में
होती है दो दरख़्तों
के बीच थोड़ी सी जगह
बस सूरज की एक
किरण आने के लिए
जिससे मिलता रहे
जीवन उन दरख़्तों को.!!
पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...
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