मैं नहीं चाहता
लिखना तुम्हारे
आनन को चाँद
न ही मैं
चाहता लिखना
तुम्हारी मंजुल सी
आँखों को सितारा
न ही मैं लिखूंगा
तुम्हारे अधरों को
गुलाब की पंखुड़ियां
मैं लिखूंगा तुमको
लहलहाते खेतों की
हरियाली
उन खेतों में
लहलहाती सरसों
और उस सरसों की
डालियों पर
लहलहाते पीले पुष्प
मैं लिखूंगा
तुमको .. प्रकृति
क्यों कि
प्रकृति ही तो
प्रेम है...!!
Saturday, December 19, 2020
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