Friday, December 4, 2020

गुज़र जाऊंगा

एक रोज़ मैं भी

जैसे गुज़र

जाते हैं सभी

यूँ कहानियां

किस्से .. कविताएं

लिखते लिखते


छोड़ जाऊंगा

इन कविताओं

कहानियों को

किसी किताब

में लिखकर


सुनो!

बस किसी रोज़ तुम

उस किताब को अपने

सीने से लगा लेना

मेरी इन कविताओं

कहानियों के साथ साथ

हमें भी मोक्ष मिल जाएगा .!!

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