Friday, December 4, 2020

प्रेम में

पड़ी स्त्री

एक नन्हे से

शिशु की

तरह होती है

जो कभी भी

किसी भी

भावना में

बहने लगता है


कभी फफक

कर रोने लगता है

तो कभी

खिलखिला

कर हंसने लगता है

जो कभी

सहम जाता है

तो कभी प्रेम से

अपनी माँ के

सीने से लग जाता है....!!

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