Tuesday, March 30, 2021

 हर सुबह

होती है

गुमसुम सी

कुछ

उदास सी

न खड़कता है

कोई पत्ता

और न ही

चहकती है

कोई गौरैया

न होता है

भौरों का

कोई शोर

न होता है

तितलियों का

कोई ठौर


बस होती

है तो

मन में

उदासी

पलकों में

नमी


होता है

सब कुछ ही

होती है

तो बस

तुम्हारी कमी....!!


अंकित तिवारी ||

No comments:

Post a Comment

संसद भवन में स्थापित सेंगोल का क्या इतिहास है ?(पांच हजार पूर्व का इतिहास )

पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...