तुम्हारा हाँथ थामे हुए
इस कुछ समय में ही
हम बहुत दूर आ गए हैं
तुम बस ऐसे ही हाँथ थामे रहना
की अभी और दूर तलक जाना है
की अभी और मंज़िलें बाकी हैं...!!
अंकित तिवारी
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हमारी ग़ैर हाज़िरी में जो हमारे लिए परेशान होता है
असलियत में बस एक वही....हमारा अपना होता है...!!
अंकित तिवारी
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