हमने लिखी हमेशा
अपनी ज़िंदगी की हक़ीकत
मग़र लोगों ने पढ़ा हमेशा ही
उसे गज़ल..कविता और कहानी
तुमने पढ़ा मेरे लिखे को
मेरी ज़िंदगी की हक़ीकत
और अब तुम आज
मेरे दिल के सबसे क़रीब हो...!!
अंकित तिवारी
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की जो आई थीं आंधियां.....वे अब गुज़र गईं हैं
की चलो अब हम मिलकर..अपना घर सजाते हैं..!!
अंकित तिवारी
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