Saturday, April 17, 2021

 छोड़ के सारे जग को हर पल वो बस हमको जीती है

इतना प्यार कभी न मिला .. जितना वो हमको देती है...!!


अंकित तिवारी 


सुनो जानां,

अब ना समेटना


आँचल में

ज्येष्ठ के

सूरज की तपिश

की अब मेरे

ह्रदय से

इतनी तपिश

सही न जाएगी।।


अंकित तिवारी 






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