बांधी जो हमने ... उसके पैरों में अपने प्रेम की पैजनियां
नाचता है उसका मन ख़ुश होके ठुमक ठुमक ता ता थैया..!!
अंकित तिवारी
समय का कुछ नहीं पता .. कब बदल जाये !
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यूँ तो पता किसी भी चीज़ का नहीं है
न सांसों का
न रिश्तों का
न दोस्ती का
न वादों का
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सब कुछ ही तो बदल जाता है .. समय के साथ
या यूं कहो .. सब बदल देते हैं .. वक़्त को ही ...!!
अंकित तिवारी
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