हां ! मैं
चाहता हूं
बदलना
इस विधि
के विधान को
मैं बस
चाहता हूं
इतना की
अब कोई और
दुःख या कष्ट
न छू सके
फ़िर कभी तुमको...!!
अंकित तिवारी
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