हर पल साथ रहती हो.......मानो जैसे हवा हो तुम
सांस बनकर........हर पल रग रग में बहती हो तुम
बिन छुए भी...........हर पल महसूस होती हो तुम
धड़कन बन..कुछ ऐसे मेरे दिल में धड़कती हो तुम
सुनो! जानाँ...............मेरी ज़िंदगी हो..........तुम..!!
अंकित तिवारी
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चाहता हूं...अब
एक गुस्ताखी करना
तुम्हें प्यार से
अपने सीने
से लगा
तुम्हारे माथे पे
एक बोसा देना.......!!
अंकित तिवारी
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