यूँ छुपाया न करो हमें दुनिया से....जानाँ
तुम्हारी मोहब्बत हूँ.......कोई गुनाह नहीं....!!
अंकित तिवारी
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सुनो!....जानाँ
तुमने मेरे दिल के दरवाज़े पे दस्तक दी
और सीधे ही........मेरे दिल में बस गई
अब मैं उस क्षण को याद कर
कुछ सोचना नहीं चाहता की
ऐसा क्यों हुआ..................कब हुआ
मैं....तुम्हें अब बस प्रेम करना चाहता हूं....!!
अंकित तिवारी
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