Friday, April 23, 2021

सीने से लगा कर अपने........अब सहारा दो हमें
ये इश्क़ बहुत भारी सा लगता है...बंटवारा दो हमें

ये झील सी.........गहरी गहरी.........तुम्हारी आंखें
मैं डूब रहा हूँ इन आँखों में.....…..अब बचा लो हमें...!!

 

अंकित तिवारी 

 

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सुनो जानाँ!

यूँ अपनी......जुल्फ़ों को......बिखेरे के न रखा करो
ये दिल मेरा...तुम्हारे क़रीब आने को मचल उठता है..!!


अंकित तिवारी 

 

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