वे जो ख़ुद का घर ढंग से चला नहीं पाते हैं
वही दूसरों के घरों में ज्यादा झांका करते हैं...!!
अंकित तिवारी
अपनी
नर्म नर्म
उंगलियों के
पोरों से
मेरे
माथे पर
अपना
नाम उकेरती है
और फ़िर
हौले से
उस पे
एक बोसा
रख देती है
कुछ
इस तरह
भी वो
सर्दियां
बढ़ा देती है......!!
अंकित तिवारी
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