आदमी के
अंदर भी
होता है
एक और आदमी
और
स्त्री
के अंदर भी
होती है
एक और स्त्री
पर दुर्भाग्य
यह है कि
स्त्री
देख लेती है
आदमी के
अंदर के और
बाहर के
आदमी को भी
पर आदमी
देख पाता है
बस स्त्री के
बाहर की
स्त्री को........!!
अंकित तिवारी
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