उससे प्रेम करने का दावा भी करते हो
और उसी पर संदेह भी करते हो .. तुम
तो सुनो ! ...... आत्मा तो मर चुकी है तुम्हारी
फ़िर भी ज़िंदा होने के दावे कैसे करते हो तुम..?
अंकित तिवारी
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तेरी नज़रें ही तो......मुझे.......ख़ाश बनाती हैं
वरना तो मैं........महज़ एक आम इंसान ही हूँ...!!
अंकित तिवारी
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