Wednesday, April 21, 2021

 
सोच समझकर पांव बढ़ाना मेरे साथ इस सफ़र पे
ये सफ़र....उम्र भर साथ चलने का है...मेरी जानाँ...!!

अंकित तिवारी  



प्रिये!
मैं तुम्हारे...प्रेम में हूँ

तुम हमें...कुछ ऐसे सम्हाल लेना
जैसे..रोने पर
सम्हाल लेती है...एक माँ
अपने नन्हे से शिशु को...अपने आँचल में

मैं जब भी बढाऊँ हाँथ...तुम्हारी ओर
तुम थाम लेना...मेरा हाँथ

ताकि तुम्हारी हथेली पे
अपना नाम उकेरने का हमें कभी दुःख न हो...!!

अंकित तिवारी

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