जैसे
एक चिकित्सक
किसी घाव को
भरने के लिए
रुई के फाहे से
सहलाता है
ठीक
उसी प्रकार
प्रेम भी
सहलाता है
रूह को
रुई के फ़ाहों से
और भर देता है
रूह पर पड़े
सारे घावों को
और
तैयार करता है
रूह की
ज़मीन को
ख़ुशियों की
नई कोपलों के
उगने के लिए....!!
अंकित तिवारी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
संसद भवन में स्थापित सेंगोल का क्या इतिहास है ?(पांच हजार पूर्व का इतिहास )
पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...
-
आसमान में उड़ते परिंदे मैं,, कभी कोइ गहरे चिंतन वाले काम नहीं करती | मुझे याद भी नहीं की मैंने कभी किया होगा | मैं साधारण सी लड़की ,, एक सा...
-
राम कथा ( प्रथम अध्याय ) राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम ,राम राम राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , र...
No comments:
Post a Comment