Monday, May 17, 2021

धूप में
झुलसता
एक
पथिक सा ... मैं

उस पथ
के किनारे लगे
किसी
बरगद के
पेड़ सी है ... वो

पल भर
बैठ
उसके क़रीब

मानो दिल
झूमने  सा
लग जाता है ..!!

 

 

अंकित तिवारी :))  

 


 

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