फ़ैल
संवाद
रागिनी :- तुम्हे डर नहीं लगता किसी को खोने से
स्वांग :- नहीं ,, और मैंने किसको खोया है
रागिनी :- मुझे ,, मुझे खोया हैं तुमने
स्वांग :- तुम्हे पाने की की अभिलासा ही कब थी ?
रागिनी :- तो वो सब बातें ,, सिर्फ बातें थी |
स्वांग :- तुम जो समझ लो |
रागिनी :- इतना बड़ा कोइ झूट कैसे बोल सकता है ?
स्वांग :- झूट ..........कैसा झूट ?
रागिनी :-वो तुम्हारे वादे ?
स्वांग :- कहा तो था ............बस गिर्ल्फ्रेंड् बन के रहना ..... तुमने बीवी बनने की इक्षा जाहिर कर दी |
रागिनी :- बीवी बनाने की इक्षा तुम्हारी थी मुझे .........अब बात पलट रहे हो |
स्वांग :- तो तुम बातों में आ कैसे गईं ?
तुम्ही ने तो कहा था ,, मुझे तोडना आसान नहीं है ..............फिर कैसे टूट गयी तुम
रागिनी :- ओह्ह्ह ,, तो ये बात रही ,,, तुम मेरी परीक्षा लेने आये थे ............मैं तो पास हो जाउंगी ....लेकिन तुम फ़ैल हो रहे हो |
तुम जीवन के हर इम्तहान में फ़ैल हो रहे हो ...........अपने वादे में फ़ैल ,, अपने शब्दों के मान में फ़ैल .........और
बनाने के नाटक में फ़ैल ||
स्वांग :- मैं कही फ़ैल नहीं हुआ ......तुम्हे लगता है |
रागिनी :- हाँ ,, तुम्हे क्यों लगेगा .......याद रखना बस इतना .................आने वाला वक़्त पलट कर तुम्हे जवाब देगा
दग़ा कभी ..........किसी को रास नहीं आती .|
तुम मेरे गुरु हुए ............मुझे जीवन का इतना बड़ा ज्ञान दिया ..................मैंने तुम्हे दक्षिणा देती हूँ |
तुमसे हर स्त्री .............को नफरत होगी ...........अपने जिस अभिमान में .........तुम्हे लोगो के खोने का डर नहीं रहा वही ........अभिमान तुमसे तुम्हारा सबकुछ ले लेगा ..||
जिस दिन तुम्हे .............लगे की तुम अकेले हो गए हो ..............मुझे याद करना ............और याद करना की तुम फ़ैल आज भी हो और तुम फ़ैल कल भी रहोगे |
तुम्हारे जैसे ह्रदय क्रीड़ा करने वालो को फ़ैल ही होना चाहिए ||
Nice story!
ReplyDeleteTHANK you :))
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