Sunday, June 6, 2021

लौट कर आएगा

 तुम प्रेम को
नकार दो
ठीक वैसे ही
जैसे गर्मियों में
नकार देते हो
सर्दियों में
अच्छी लगने
वाली धूप को

मगर प्रेम तो
फ़िर प्रेम है
वो हर बार
लौट कर आएगा
आपके पास
ठीक वैसे ही
जैसे लौटकर
आ जाती है
कोई गेंद
दीवार से टकराकर...!!

 

 

अंकित तिवारी 

 

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