Sunday, June 6, 2021

तुमसे

 सुनो!

तुम पढ़कर
मेरी कविताएं
समझ लो न
उनका यथार्थ

वो भावार्थ
जिसमें
छुपा होता है
वो सब
जो मैं कहना
चाहता हूं
सिर्फ़ और सिर्फ़
तुमसे
पर कह
नहीं पाता हूँ...!!

अंकित तिवारी 

 


 

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