अपने प्रेम की
याद में
गर जो चाहते हो
तुम कुछ करना
तो मत बनवाना तुम
किले और मक़बरे
अपने प्रेम की
याद में लगाना तुम......पेड़
क्यों कि
किसी मक़बरे या
किले में
बैठ कर तुम
दीवारों से सिर्फ़
बातें कर सकते हो
पर प्रेमी की
याद आने पर
तुम पेड़ों को
सीने से लगा रो सकते हो.....!!
अंकित तिवारी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
संसद भवन में स्थापित सेंगोल का क्या इतिहास है ?(पांच हजार पूर्व का इतिहास )
पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...
-
आसमान में उड़ते परिंदे मैं,, कभी कोइ गहरे चिंतन वाले काम नहीं करती | मुझे याद भी नहीं की मैंने कभी किया होगा | मैं साधारण सी लड़की ,, एक सा...
-
राम कथा ( प्रथम अध्याय ) राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम ,राम राम राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , र...
No comments:
Post a Comment