अपने प्रेम की
याद में
गर जो चाहते हो
तुम कुछ करना
तो मत बनवाना तुम
किले और मक़बरे
अपने प्रेम की
याद में लगाना तुम......पेड़
क्यों कि
किसी मक़बरे या
किले में
बैठ कर तुम
दीवारों से सिर्फ़
बातें कर सकते हो
पर प्रेमी की
याद आने पर
तुम पेड़ों को
सीने से लगा रो सकते हो.....!!
अंकित तिवारी
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