Wednesday, June 9, 2021

बस ये दो लफ्ज़ ही मेरे लिए सुकूँ थे....!!

 सबको.......बस अपनी अपनी ही...........परवाह है
हम पागल ही हैं...जो अपना दुःख लेकर बैठ जाते हैं..!!



अंकित तिवारी 

 

पता है!
तुम्हारे संग
सुकूँ क्या था.?

वो जब तुम
थामकर मेरा हाँथ कहती थीं

“सुनो न!”

बस ये दो लफ्ज़ ही मेरे लिए सुकूँ थे....!! 

 

अंकित तिवारी 

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