मेरी ही सदायें रुक रुक कर पुकारती रहती हैं....मुझको
जैसे.....मेरे ही भीतर से.....कोई मुझको...पुकार रहा हो...!!
***
वे पुरुष.....बिरले ही होते हैं....जो अपनी पत्नी की मृत्यु के
बाद भी....नहीं करते दूसरा विवाह....और पालते हैं स्वयं ही
अपने बच्चों को....!!
***
मैं मर जाऊंगा जल्द ही इस अकेलेपन को लिए
ये अकेलापन अब मेरी रूह पे डंक मारता है...!!
***
अंकित तिवारी
No comments:
Post a Comment