Wednesday, June 9, 2021

ज़िस्म से

 

ज़िस्म से.............वफ़ा करते हैं..............अब लोग
पैमाने-वफ़ा रूह से करने का चलन अब बंद हो गया है..!!


अंकित तिवारी 

 

***


यूँ तो हमें मालूम है
अब तुम लौट कर नहीं आओगी

पर फ़िर भी..मैं तुम्हें
एक आख़िरी बार पुकारना चाहता हूँ

मैं मरते से पहले..बस आख़िरी दफ़ा
तुम्हें अपने सीने से..लगाना चाहता हूँ

तुम्हारी गोद में सर रखकर
अपनी आख़िरी सांस छोड़ना चाहता हूँ

सुनो! आओगी न तुम.? 

 


अंकित तिवारी

 

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