वो लिख देता है
दर्द-ए-दिल
लोग आते और उसे
सराह कर चले जाते
कोई कहता
वाह! वाह!
कोई कहता
वाह! क्या
लाज़वाब दर्द लिखा है
मगर इस सब वाहवाही
के बीच कोई शख़्श
रोता बहुत है और
रोकर फ़िर
ख़ुद ही चुप हो जाता है...!!
अंकित तिवारी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
संसद भवन में स्थापित सेंगोल का क्या इतिहास है ?(पांच हजार पूर्व का इतिहास )
पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...
-
आसमान में उड़ते परिंदे मैं,, कभी कोइ गहरे चिंतन वाले काम नहीं करती | मुझे याद भी नहीं की मैंने कभी किया होगा | मैं साधारण सी लड़की ,, एक सा...
-
राम कथा ( प्रथम अध्याय ) राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम ,राम राम राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , राम , र...
No comments:
Post a Comment